नशे से नुकसान और नशे से छुटकारा




नशा एक अभिशाप : क्या इससे छुटकारा पाया जा सकता है ?

नमस्कार दोस्तों आप सभी जानते हैं आज हमारे समाज के लिए नशा एक बहुत बड़ी समस्या बन गया है जो कि युवाओं का न तो आगे बढ़ने देता है और ना ही उन्हें शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक रूप से विकसित होने देता है।
जिस वजह से आज नशे को एक अभिशाप माना जा रहा है

 

Intoxication is a sin 

तालिका

  • नशा क्या है ?
  • नशे से नुकसान
  • विश्व स्तर पर 'नशा निरोध दिवस' की शुरुआत
  • 'नशा निरोधक दिवस'मनाने के उद्देश्य
  • 'नशा निरोधक दिवस'की थीम:2020
  • नशे से छुटकारे के लिए अपनाए जा रहे तरिके
  • क्या आध्यात्मिकता को अपनाने पर नशे से  छुटकारा पाया जा सकता है ?


नशा क्या है ?

 नशा एक ऐसी खतरनाक लत है जो इंसान का जीवन नर्क बना देती है जो इंसान नशा करता है उसे पता ही नहीं होता वह क्या कर रहा है परन्तु नशा व्यक्ति को शारीरिक, मानसिक और आर्थिक रूप से बर्बाद कर देता है वर्तमान समय में नशे के लिए नशीले पदार्थ मौजूद हैं जिनमें हीरोइन जिसे ड्रग्स की रानी कहा जाता है ,कोकीन गांजा एलआईसी स्पीडबॉल, एसडीएमएन ,शराब आदि सभी नशे में सम्मिलित होते हैं।


  • नशे से नुकसान

नशा करने से हमें कई प्रकार के नुकसान होते हैं चाहे हम  स्वास्थ्य की दृष्टि से देखें या समाज की दृष्टि से देखें या आध्यात्मिक दृष्टि से देखें सभी प्रकार से हमें नुकसान पहुंचाता है और हमारे विकास में बाधा बनता है, आइए जानते हैं कि किस-किस प्रकार यह हमारे लिए नुकसानदायक है-

  1. स्वास्थ्य की दृष्टि से नशे से नुकसान

नशा हमारे शरीर के लिए बहुत नुकसानदायक होता है क्योंकि नशे के कारण हमारे शरीर में बहुत सारी बीमारियां हो जाती है।
जो व्यक्ति नशा करता है उसका मानसिक संतुलन भी ठीक नहीं रहता और शरीर में बहुत प्रकार की बीमारियां हो जाती है नशे से लीवर खराब हो जाता है और नशे से कई प्रकार का कैंसर भी होता है।

2.सामाजिक दृष्टि ‌से नशे सेे नुकसान

समाज के अंदर हमारे ऊपर नशेड़ी का एक धब्बा सा लग जाता है। समाज में हमें इतना आदर सम्मान नहीं मिल पाता, देखने में आता है जो व्यक्ति नशा करता है नशे की लत के कारण से पैसे की बहुत आवश्यकता होती है सारा पैसा वह कमाया हुआ नशे के अंदर बर्बाद कर देता है जिससे उसके घर में दुख ही दुख छा जाता है घर का प्रत्येक व्यक्ति दुखी रहता है।

3.आध्यात्मिक दृष्टि से नशेे से नुुकसान

आध्यात्मिक दृष्टि से देखा जाए तो नशा भक्ति में बाधक होता है जो व्यक्ति नशा करता है उसकी भक्ति सफल नहीं हो पाती है।
क्योंकि संत गरीबदास जी  ने अपनी वाणी में बताया है कि नशा करने से हमें सत्तर जन्म कुत्ते के भोगने पड़ते हैं।

सुरा पान मद मांसाहारी गमन करैं भोगैं पर नारी। स्तर जन्म कटत है शीशं साक्षी साहिब है जगदीशं।।
पर द्वारा स्त्री का खोलै, स्तर जन्म अधां होवै डोलै। मदिरा पीवै कड़वा पानी सतर ‌जन्म वरदान के जानी।।



  • विश्व स्तर पर  'नशा निरोधक दिवस'‌ की शुरुआत
संयुक्त राष्ट्रीय महासभा ने 7 दिसंबर 1997 को प्रस्ताव संख्या 42/ 112 पारित कर हर वर्ष" 26 जून" को 'अंतर्राष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस' मनाने का निर्णय लिया गया।


  • 'नशा निरोधक दिवस'मनाने के उद्देश्य
सभी लोगों में नशे विरोध के लिए चेतना जागृत करना।                 पूरे विश्व विश्व स्तर पर 26 जून को विभिन्न समुदायों और संगठनों द्वारा लोगों को नशीले पदार्थों के प्रति ग्रामीण स्तर के लोगों तक जागता फैलाने के लिए अलग-अलग तरह के कार्यक्रम चलाना।    युवाओं को नशीले पदार्थों से होने वाले नुकसान के बारे में अवगत कराना ।               
 समय-समय पर हर देश की सरकार अपने देश के नशे से बचाने के लिए नए-नए कार्यक्रम आयोजित करती रहें।


  • 'नशा  निरोधक दिवस' की थीम :2020
इस वर्ष अंतरराष्ट्रीय नशा निषेध दिवस की थीम ‘न्याय के लिए स्वास्थ्य, स्वास्थ्य के लिए न्याय’ (हेल्थ फॉर जस्टिस एंड जस्टिस फॉर हेल्थ) है. जाहिर सी बात है कि इस बार की थीम लोगों से अपनी हेल्थ के साथ न्याय करने की अपनी करती

  • नशे से छुटकारे के लिए अपनाए जा रहे तरिके

वर्तमान में बहुत सारे युवा नशे की चपेट में आए हुए हैं लाखों परिवार इस नशे की लत के कारण बर्बाद हो चुके हैं आखिर इसका समाधान क्या है लाखों नशा मुक्त केंद्र हैं परंतु फिर भी इस समस्या से छुटकारा नहीं पाया जा सकता बहुत समय से सोशल मीडिया पर देखने में आया है  कि आध्यात्मिकता को अपनाने पर इस नशे जैसी खतरनाक बीमारी को जड़ से खत्म किया जा सकता है।


  • क्या आध्यात्मिकता को अपनाने पर नशे से छुटकारा पाया जा सकता है ?


  संतो का कहना है कि आध्यात्मिकता से नशे से छुटकारा पाया जा सकता है जब इसकी छानबीन की गई तो इसी‌ बीच  हमने पाया कि संत रामपाल जी  एक  ऐसे संत जिनके बारे में सोशल मीडिया पर बताया जाता है कि उनके द्वारा बताई जा रही भक्ति साधना शास्त्रों के अनुकूल है जिसको करने पर हर व्यक्ति का नशा जड़ से खत्म हो जाता है चाहे वह किसी भी प्रकार का नशा कितना ही ज्यादा करता हो जब इसका कारण जानना चाहा कि क्या कारण है कि यह संभव हो पाता है ?
उनके शिष्यों का कहना था कि उनके द्वारा बताई जा रही भक्ति साधना शास्त्रों के अनुकूल है उनके द्वारा दिए जा रहे हैं मंत्र में वह शक्ति होती है कि जिसका जाप करने से व्यक्ति की नशा करने की इच्छा जागृत नहीं होती । जब हमने इसके प्रमाण के लिए कई व्यक्तियों का साक्षात्कार  देखे तो पाया कि  यह सौ प्रतिशत सत्य निकला।

,जिसमें नशा करने वाले व्यक्ति खुद दावा करते हैं कि उन्होंने नशे में अपना सब कुछ बर्बाद कर दिया लेकिन संत रामपाल जी महाराज द्वारा बताए गए शास्त्र अनुसार ज्ञान सुनकर और भक्ति करने से उनके नशे रूपी इस बीमारी का जड़ से नाश हो गया
उदाहरण के लिए जब हमने दिल्ली के राजेंद्र जी का साक्षात्कार सुना उन्होंने बताया कि  वह नशा करते थे लेकिन जब उन्होंने संत  रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा ग्रहण की तो उनका नशा छूट गया

और यह भी देखने में आया है कि संत रामपाल जी महाराज द्वारा लिखित आध्यात्मिक  पुस्तकों को पढ़कर भी लाखों लोग नशे से छुटकारा पा रहे हैं क्योंकि संत रामपाल जी महाराज द्वारा लिखित पुस्तकों जीने की राह और ज्ञान गंगा में ऐसे तथ्य लिखे हैं कि उन्हें पढ़कर कोई व्यक्ति नशा करने की नहीं सोच सकता है।

 ट्विटर पर भी है देखने में आया है कि संत रामपाल जी महाराज के शिष्य द्वारा एक ही टैग  #Say_No_To_Alcohol चलाया गया इसके माध्यम से उन्होंने नशे से दूर रहने की सलाह दी और उसमें बताया कि सद्भक्ति कर के नशे से छुटकारा पाया जा सकता है

साथ ही सोशल मीडिया पर यह भी देखने में आ रहा है  कि संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेने लेने के लिए एक ऑनलाइन निशुल्क फॉर्म चल रहा है,
जिस पर कोई भी  ऑनलाइन नाम दीक्षा ग्रहण करके सद्भक्ति करके अपने नशे से छुटकारा पा सकता है।
 इन सब प्रमाणों को देखकर  यह  बिल्कुल ग़लत नहीं होगा कि  संत रामपाल जी महाराज द्वारा लिखित पुस्तकों को पढ़कर उनके सत्संग को सुनकर और उनसे नाम दीक्षा लेकर नशा जैसी खतरनाक बीमारी से छुटकारा पाया जा सकता है।

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